पटना की राजनीतिक बैठक से उठा बड़ा विवाद: जेडीयू एक चरण में चुनाव पर अड़ी, भाजपा ने बुर्का पर उठाया सवाल

- Reporter 12
- 04 Oct, 2025
मोहम्मद आलम
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर शनिवार को पटना में हुई अहम बैठक ने नया राजनीतिक तूफ़ान खड़ा कर दिया है। निर्वाचन आयोग के साथ बैठी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी राय रखी, लेकिन इस बार बहस का केंद्र सिर्फ चुनावी चरणों की संख्या नहीं रहा बल्कि भाजपा का एक विवादित सुझाव भी रहा।जेडीयू ने बैठक में साफ कहा कि पूरे राज्य में चुनाव एक ही चरण में कराए जाएं। पार्टी का तर्क था कि लंबे चुनाव से प्रशासनिक बोझ बढ़ता है और माहौल बिगड़ता है। भाजपा ने भी इसे लगभग सही मानते हुए कहा कि चुनाव एक या अधिकतम दो चरणों में पूरे हो जाने चाहिए।लेकिन इसके साथ ही भाजपा ने ऐसा प्रस्ताव रखा जिसने विपक्षी दलों को हमलावर होने का मौका दे दिया। भाजपा नेताओं ने कहा कि मतदान के दौरान बुर्का पहनकर बूथ पर आने वाली महिलाओं पर रोक लगनी चाहिए, ताकि किसी तरह की पहचान छुपाने की संभावना न रहे और पारदर्शिता बनी रहे।यह बात सामने आते ही राजद और कांग्रेस भड़क उठे। दोनों दलों ने भाजपा पर “धार्मिक ध्रुवीकरण” का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी महिलाओं की स्वतंत्रता और अधिकारों पर हमला कर रही है। कांग्रेस नेताओं ने तंज कसा कि “भाजपा असली मुद्दों से ध्यान भटकाकर समाज में दरार डालने की राजनीति कर रही है।लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने दो चरणों में चुनाव कराने का सुझाव दिया, जबकि बहुजन समाज पार्टी ने गरीब और दलित उम्मीदवारों के खर्च व प्रचार पर आयोग से सख्ती बरतने की मांग रखी।निर्वाचन आयोग ने इस विवादित सुझाव पर तुरंत कोई राय तो नहीं दी, लेकिन साफ कर दिया कि चाहे चुनाव एक चरण में हों या कई चरणों में, सुरक्षा और निष्पक्षता सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी।इस बहस ने साफ कर दिया है कि बिहार का चुनाव सिर्फ विकास और जातीय समीकरण तक सीमित नहीं रहेगा। भाजपा के “बुर्का प्रतिबंध” वाले प्रस्ताव ने इस चुनाव को धार्मिक-सामाजिक रंग देने की कोशिश की है, जबकि जेडीयू का “एक चरण में चुनाव” वाला दांव उसके संगठनात्मक आत्मविश्वास को दिखाता है।अब निगाहें निर्वाचन आयोग के फैसले पर हैं — क्या वह भाजपा के विवादित सुझाव को मानता है या विपक्ष के आरोपों को तवज्जो देता है?
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